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गोरखपुर में मोहम्मदपुर माफी गांव में हाथी का       तांडव, 3 की मौत

कलश यात्रा में शामिल होने के लिए बुलाया         गया था,हाथी 

गोरखपुर, समाचार पत्रिका।

गोरखपुर में गुरुवार को एक हाथी कलश यात्रा निकलने से पहले भड़क गया। उसने कई लोगों को रौंद दिया। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। हालांकि मौत के आंकड़े की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। घटना के बाद आयोजन रद्द को कर दिया गया है। वारदात चिलुआताल इलाके के जगतबेला स्थित मोहम्मदपुर माफी गांव का है।

ग्रामीणों का कहना है कि कलश यात्रा निकलने से पहले पंडाल में यज्ञ हो रहा था। मौके पर लोगों की भीड़ जमा थी। काफी शोर हो रहा था। इस दौरान कुछ लोग हाथी को छेड़ रहे थे, इससे वह भड़क गया। वह इधर-उधर भागने लगा।

सूचना पाते ही पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पागल हाथी को गांव में एक ताल के किनारे देखा गया है। महावत उसे काबू करने की कोशिश कर रहा है।

ग्रामीणों के अनुसार आज कलश यात्रा निकलनी थी। इसको लेकर गांव में तैयारियां चल रही थी। कलश यात्रा के लिए महिलाएं जल भरने जाने वाली थी। कलश यात्रा में शामिल होने के लिए हाथी को यहां पर लाया गया था। मौके पर पंडाल में एक हजार से अधिक लोग थे।

पूजा कर रही दो महिला कांति देवी (55) और कौशल्या देवी (50) को सूंड में लपेट लिया। उसके बाद जमीन पर पटक कर पांव से दबा दिया।

कौशल्या देवी की गोद में उनका नाती कृष्णा (4) भी था। कौशल्या अपने बीमार नाती को हाथी की पूजा कराने गोद में लेकर गई थी। लेकिन, हाथी ने कौशल्या के साथ ही मासूम कृष्णा को भी अपने पांव के नीचे दबाकर मार डाला। दोनों महिलाएं मोहम्मदपुर माफी इलाके की रहने वाली थी।

आशीर्वाद की जगह 4 साल के बच्चे को मिली मौत

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस बच्चे की मौत हुई है, वह काफी बीमार चल रहा था। उसके ननिहाल वालों ने मां से कहा था कि बच्चे को यज्ञ में लाकर पूजन कराओ तो वह ठीक हो जाएगा। जिसके बाद मां बच्चे को लेकर मायके आई थी। वह हाथी का पूजन कर बच्चे को आशीर्वाद दिलाने पहुंची थी।

मरने वालों में शामिल कांती देवी 5 बच्चों की मां थीं। उनके बेटे अनूप और बेटी दीपमाला की शादी नहीं हुई है। वहीं, कौशिल्या देवी के भी 5 बच्चे हैं। जिसमें बेटी डाली और बेटे राजू की शादी अभी नहीं हुई हैं। मृतक कृष्णा कौशिल्या देवी की बेटी पूजा का बेटा था। बच्चे के पिता का नाम राजू है। वह सहजनवा के सरैया गांव का रहने वाला था।

वहीं ग्रामीण राजेश मौर्य ने बताया कि गांव के लोग महावत से बार-बार हाथी को दूर ले जाने के लिए बोल रहे थे। लेकिन, महावत उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। महिलाएं हाथी का पूजन कर उसे चढ़ावा चढ़ा रही थी। महावत रुपए के लालच में वहां पर बना हुआ था। हाथी के पास भीड़ लगी थी। इतने लोग एक साथ हाथी को छूने लगे और उसे घेर लिए, जिसकी वजह से हाथी भड़क गया।

हाथी का नाम प्रसाद है। वह भाजपा विधायक विपिन सिंह का है। विपिन सिंह गोरखपुर ग्रामीण सीट से लगातार दूसरी बार विधायक हैं। वह पूर्व विधायक अंबिका सिंह के बेटे हैं

आयोजन समिति के सदस्य हनुमान यादव के अनुसार, गांव में 16 से 24 फरवरी तक लक्ष्मी नारायण महायज्ञ होना था। यज्ञ में शामिल होने के लिए अयोध्या, वृंदावन, मथुरा, हरिद्धार समेत कई जगहों से 51 वैदिकचार्य भी पहुंचे थे। इस दौरान कलश यात्रा निकाली जानी थी। कलश यात्रा के लिए किराए पर दो हाथी और दो ऊंट मंगाए गए थे। जिसमें से एक हाथी भीड़ को देखकर भड़क गया। जबकि दूसरा ठीक है। इस घटना के बाद दूसरे हाथी को गांव से वापस भेज दिया गया।

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