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कवलदह पोखरे की बहाली को लेकर गठित हुई संघर्ष समिति, आंदोलन का ऐलान

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कवलदह पोखरे की बहाली को लेकर गठित हुई संघर्ष समिति, आंदोलन का ऐलान।

गोरखपुर, समाचार पत्रिका।
ऐतिहासिक कवलदह पोखरा को बहाल कराकर ही दम लेगी राष्ट्रीय पर्यावरण सेना, ऐतिहासिक कवलदह पोखरा संघर्ष समिति गठित, हस्ताक्षर अभियान का ऐलान।
सूर्यकुंड स्थित सूर्य विहार कॉलोनी में भू माफियाओं द्वारा पाट कर बेचे जा चुके 1 एकड़ 29 डिसमिल के ऐतिहासिक कवलदह पोखरे को बहाल करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। स्थानीय नागरिकों की मांग पर राष्ट्रीय पर्यावरण सेना ने बुधवार को सूर्य विहार चौक पर एक बैठक कर पोखरे की बहाली के लिए चरणबद्ध संघर्ष छेड़ने का निर्णय लिया है इस हेतु ऐतिहासिक “कवलदह पोखरा संघर्ष समिति” का गठन किया गया। बैठक में हस्ताक्षर अभियान का ऐलान किया गया। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय पर्यावरण सेना के पूर्वांचल प्रभारी सनी निषाद एवं संचालन मंडल अध्यक्ष मदन राजभर ने किया।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्वांचल प्रभारी सनी निषाद ने कहा कि भू माफियाओं ने विगत दो दशकों में शहर के अधिसंख्य भूजल स्रोतों को पाट कर बेच दिया और इस पर लोगों ने बिल्डिंगे बना दी इन्हीं में से एक ऐतिहासिक कवलदह पोखरा भी है। 1 एकड़ 29 डिसमिल में स्थित कवलदह पोखरे का निर्माण मध्य काल में राजा मानसिंह ने कराया था इस पोखरे से जुड़ी कई चमत्कारिक कथाएं लोकमानस में प्रचलित है। एक दशक पूर्व भू माफियाओं ने स्थानीय नागरिकों के विरोध के बावजूद इस पोखरे को पाटकर प्लाटिंग करते हुए बेच दिया और इस पर एक दर्जन से ऊपर लोगों ने भवन निर्माण करा लिया। उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व नागरिकों के विरोध पर राजस्व प्रशासन के अधिकारियों ने कवलदह पोखरा की जमीनों में हुए फर्जी नामांतरण को निरस्त कर रेवेन्यू रिकॉर्ड में तालाब बहाल कर दिया और यहां के निर्माणो को चिन्हित कर उन्हें अवैध घोषित कर दिया। परंतु नागरिकों की लगातार मांग के बावजूद अभी तक प्रशासन ने इस अवैध निर्माण को नहीं हटाया। उन्होंने पर्यावरण हित में कवलदह पोखरे से समस्त अवैध निर्माण को हटाकर तालाब को बहाल करने की मांग की। उन्होंने अभिलंब ऐसा ना होने की स्थिति में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
विशाल कुमार एवं मदन राजभर ने कहां की राष्ट्रीय पर्यावरण सेना अस्तित्वविहीन किए जा चुके भूजल स्रोतों के बहाली का अभियान चला रही है इसी क्रम में ऐतिहासिक कवलदह पोखरा की बहाली के लिए आंदोलन छेड़ा गया है।
इस अवसर पर नितेश जयसवाल, अर्जुन, मनीष पांडेय, सोनू, चंद्रेश, राजन, चंदन कुमार, चंदन सिंह, हरि द्वार, संदीप, विजय, रघुनंदन शुक्ला चंद्रप्रकाश मणि त्रिपाठी आदि अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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