बहुविषयक अध्ययन और एकीकृत पाठ्यक्रम पर जोर देती है एनईपी- प्रो. एसपीएम त्रिपाठी

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बहुविषयक अध्ययन और एकीकृत पाठ्यक्रम पर जोर देती है एनईपी- प्रो. एसपीएम त्रिपाठी।
♦डीडीयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अवसर पर प्रथम कार्यशाला का हुआ आयोजन।
गोरखपुर, समाचार पत्रिका।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अध्ययन एवं आजीविका दोनों को समान रूप से महत्व दिया गया है। इसी ध्येय के साथ ज्ञानार्जन के अवसरों को बढ़ाने के लिए बहुविषयक अध्ययनों और एकीकृत पाठ्यक्रम पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य मूल्य-आधारित समग्र शिक्षा प्रदान करना और वैज्ञानिक स्वभाव का विकास करना है। अध्ययन के बहुविषयक उपागम को बढ़ावा देने से शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव आयेगा। इससे यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानक एवं माँग के अनुरूप परिवर्तित करने में मदद मिलेगी। नयी शिक्षा नीति में बहुविषयकता को महत्व दिया गया और अन्य भी कई तरह के उपायों के माध्यम से इसे समग्र बनाए जाने का प्रयास किया गया है। वास्तव में नई शिक्षा नीति की आत्मा भारतीय एवं स्वरूप वैश्विक है। यह नीति वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में भारतीय विद्वानों को लाभान्वित करेगी।
उक्त वक्तव्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के यूजीसी-एचआरडी सेंटर द्वारा बहुविषयक शिक्षा विषय पर आयोजित की गई राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी ने दिया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए एचआरडी सेंटर के निदेशक प्रो. रजनीकांत पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश एवं सुझाए गए विषयों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के समुचित क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है कि इसपर लगातार विमर्श हो और शिक्षकों को इसके विभिन्न पक्षों से अवगत कराया जाए।
कार्यशाला के महत्व एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए समन्वयक एवं अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत 2030 तक सभी जनपदों में एक बहुविषयक केंद्र खोलने की योजना है। 2035 तक सकल नामाकंन अनुपात को पचास प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है जिसे शिक्षा में बहुविषयकता को बढ़ावा देने से ही प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम का संचालन सह समन्वयक एवं समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. मनीष पाण्डेय ने किया।
इस दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के 245 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में ऑनलाइन सहभागिता किया।
गुरुवार को होगी दूसरी कार्यशाला।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश के अनुरूप दी.द.उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के यूजीसी-एचआरडी सेंटर द्वारा नई शिक्षा नीति पर आयोजित किए जा रही कार्यशालाओं के क्रम में आज दूसरी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। यह वर्कशॉप ‘कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट’ विषय पर होगी। उक्त ऑनलाइन वर्कशॉप में एचएनपी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल का मुख्य उद्बोधन होगा।
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