गोरखपुर: बिना अनुबंध और पगार के काम कर रहे संविदा कामगार – समाचार पत्रिका

समाचार पत्रिका

Latest Online Breaking News

गोरखपुर: बिना अनुबंध और पगार के काम कर रहे संविदा कामगार

😊 Please Share This News 😊

रिपोर्ट: एमपी सिंह

समाचार पत्रिका, गोरखपुर

• जिले के ब्लाक मुख्यालय पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मामला 

गोरखपुर जिले में तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटर सरकारी पत्राचार की लेट लतीफी का खामियाजा भुगत रहे है। नौकरी और पगार पर संकट के बावजूद यह कार्मिक पिछले दो महीने से भूखे पेट सरकार को अपनी सेवाएं दे रहे है। जिले के विकास खंडों पर तैनात 20 कम्प्यूटर आपरेटरों की सेवाएं शासन ने मार्च में ही समाप्त कर दी हैं। बावजूद ये ऑपरेटर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सेवाएं देने के साथ ही ग्राम पंचायतों के प्लान प्लस एवं कार्य योजना की फीडिंग में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रहे हैं। कम्प्यूटर ऑपरेटरों की सक्रिय कार्यप्रणाली के चलते ही विभागीय अफसरों ने पिछले दिनों शासन को पत्रक भेजकर इनकी सेवाएं बहाली की मांग की थी। लेकिन अब-तक कोई जवाब नहीं मिलने के चलते ऑपरेटरों का भविष्य खतरे में नजर आने लगा है। कम्प्यूटर आपरेटरों में अब यह संशय बरकरार होने लगा है कि मार्च के बाद से ये जो सेवाएं दे रहे हैं। इसका पारिश्रमिक इन्हें मिलेगा भी या नहीं?

अधर में लटका है दुबारा तैनाती का प्रस्ताव

ब्लाक पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटरों के सेवा विस्तार का मामला अभी अधर में ही लटका है। विभागीय कार्यों की अधिकता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव पंचायती राज उत्तर प्रदेश ने 10 अगस्त 2020 को शासनादेश जारी कर प्रदेश के सभी जिलों के विकास खंडों पर एक-एक कम्प्यूटर ऑपरेटरों की तैनाती करने का निर्देश जारी किया था। इन्हें 14वें वित्त के प्रशासनिक एवं तकनीकी मद से अधिकतम दस हजार रुपए मानदेय देने का निर्देश था।पंचायती राज विभाग ने जिले के सभी ब्लाक मुख्यालयों पर अनुबंध के आधार पर कम्प्यूटर आपरेटरों की तैनाती कर दी। बीते 31 मार्च को ही इन आपरेटरों की संविदा अवधि समाप्त हो गई। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि शासन से पुनः इन्हें तैनाती दिए जाने के लिए निदेशक पंचायती राज से अनुरोध किया गया है। लेकिन अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नही हुआ है।

अब भी कर रहे हैं प्रवासी मजदूरों की डाटा एंट्री

शासन से हरी झण्डी मिलने और अच्छे दिनों की उम्मीद लगाए लाचार कम्प्यूटर आपरेटर अब भी सरकारी ड्यूटी बजा रहे है। भले ही 31 मार्च को ही इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं लेकिन सकारात्मक उम्मीद में ये संविदाकर्मी अब भी प्रवासी मजदूरों के खातों में 1000 रुपए की धनराशि भेजे जाने की डाटा एंट्री कर रहे हैं। इसके साथ ही विगत माह में इनके द्वारा ग्राम पंचायतों के प्लान प्लस एवं उसके कार्य योजना की भी फीडिंग की गई है।

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

error: Content is protected !!