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मोहिनी एकादशी है आज इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जानें क्या करें और क्या नहीं…..

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मोहिनी एकादशी है आज इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जानें क्या करें और क्या नहीं…..

 

आज मोहिनी एकादशी का पावन पर्व है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि आती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। वैशाख माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं।

अगर सम्भव हो तो व्रत अवश्य करे…

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को प्रिय होती है। अगर संभव हो तो इस पावन दिन व्रत रखें। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आर्शीवाद प्राप्त होता है।

सादा एवम सात्विक भोजन करें…

इस पावन दिन सादा एवम सात्विक भोजन करना चाहिए। एकादशी के दिन मांस,मछली एवम मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन पहले भगवान को भोग लगाएं, उसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।

माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें..

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करनी चाहिए। माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

सम्भव हो तो चावल का सेवन न करें…

एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं ही करना चाहिए। इस दिन चावल का सेवन करना अशुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु को तुलसी अवश्य अर्पित करें..

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय होती है। इस पावन दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करें।

मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त..

एकादशी तिथि प्रारम्भ : 22 मई 2021 को सुबह 09:15 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त : 23 मई 2021 को सुबह 06:42 बजे तक
पारणा मुहूर्त : 24 मई सुबह 05:26 बजे से सुबह 08:10 बजे तक

मोहिनी एकादशी की व्रत विधि…

*इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
*स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
*इसके बाद घर के मंदिर की साफ- सफाई करने के बाद घी का दीपक प्रज्वलित करें।
*विष्णु भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
*इसके बाद विष्णु भगवान को साफ- स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
*विष्णु भगवान की आरती करें और भोग लगाएं। विष्णु भगवान के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बिना तुलसी के विष्णु भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जा सकता है।

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