इलाज के अभाव में तड़पकर जान गवां रही है बलिया की जनता- राम गोविंद चौधरी

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नीरज तिवारी, लखनऊ
समाचार पत्रिका, ब्यूरो
समाजवादी पार्टी के विधायक और नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बलिया की जनता की जान बचाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि बलिया की जनता इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मर रही है। जनता की जान बचाई जाए और मुझे दिये जाने वाले धन को जनता के इलाज में लगा दिया जाये। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री को भेज पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरा प्रदेश भयंकर रूप से प्रभावित है। प्रतिदिन 30 हजार के आसपास नए मरीज मिल रहे हैं। हजारों की संख्या में लोगों की जानें जा रही है। गांव-गांव यह बीमारी पसर चुकी है। गांवों में जांच नहीं हो रही और लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। मेरा गृह जनपद बलिया भी इस बीमारी से बहुत गंभीर रूप से प्रभावित है। कोरोना के सैकड़ों मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं। जबकि आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य सुविधाएं नाकाफी हैं। जनपद में ऑक्सीजन बिल्कुल ही उपलब्ध नहीं है। चिकित्सालयों में बेड और जीवन रक्षक दवाइयां नहीं है। जिस कारण जनपद में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में बलिया के जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया था। जिसमें 18 वेंटिलेटर सिटी स्कैन की मशीन भी लगाई गयी थी। जो आज-तक चालू नहीं हो सकी। साथ ही उसी ट्रामा सेंटर में आरटीपीसीआर जांच लैब भी स्थापित किया गया था। वह भी बेकार पड़ा हुआ है। जिले के लोगों की आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट चार से पांच दिनों में आती है। इस दौरान सैम्पल देने वाला व्यक्ति कई स्थानों पर जाता है और बीमारी फैलती है। जनपद में ऑक्सीजन के लिए लोग तड़प कर जान गंवा रहे हैं। लम्बे समय से सामाजिक जीवन होने के कारण प्रतिदिन जनपदवासी चिकित्सकीय सहयोग के लिए मुझ से संपर्क करते है। जिले के चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों के यहां फोन करने पर किसी का फोन मिलता नहीं है और किसी का मिल रहा है तो उसका फोन उठ नहीं रहा है। जिससे समस्याएं और जटिल होती जा रही है। जिले की लचर स्वास्थ्य सेवा के कारण हमलोग दूसरे जनपदों में अपने व्यक्तिगत संपर्कों के जरिये मदद की कोशिश करते हैं। क्योकि अगर जनपद के किसी डॉक्टर से बात हो भी रही है तो वह आवश्यक दवा ऑक्सीजन के अभाव की बात कहकर संवेदना में रोने लगता है स्थिति अत्यंत ही भयंकर हो गई है। अगर ये सुविधाएं बलिया में ही होती तो लोगों की जान बच जाती। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मनियर, रिगवन, बांसडीह, बेरुआरबारी व रेवती के स्वास्थ केंद्रों पर भी सुविधाओं का घोर अभाव है। न बेड है न दवा है। कहीं-कहीं तो कर्मचारी भी नहीं मिल रहे हैं।
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