आगजनी से प्रभावित किसानों से तहसीलदार ने की अपील, 27 तक जमा कर दें आवेदन

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समाचार पत्रिका, बांसगांव
गत चार अप्रैल को आमी नदी के कछार क्षेत्र में लगी भीषण आग से खेतों में खड़ी करीब तीन हजार एकड़ गेहूं की फसल के जलकर नष्ट हो जाने की दैवी आपदा के शिकार अधिकांश किसानों द्वारा क्षतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन किये गये आवेदन पत्रों की हार्डकॉपी तहसील में जमा नहीं किये जाने से उनके बैंक खातों में मुआवजे की राशि भेज पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। तहसीलदार ने शनिवार को एक आदेश जारी कर प्रभावित किसानों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होने 27 अप्रैल तक हार्डकॉपी तहसील में नहीं जमा किया तो उनके आवेदन को निरस्त कर दिये जायेंगे।
बताते चलें कि गत 4 अप्रैल को हुई आगजनी की इस भीषण घटना में राजस्व ग्राम ताल अमियार, आबगीर, भुसवल बुजुर्ग, टेंगरखावां, कुसहा, गोड़ारी, गोइठी, मझगांवा तथा जयंतीपुर में खेतों में खड़ी करीब तीन हजार एकड़ गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो गयी थी। ऐसे में प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि पाने के लिए मंडी समिति के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर उसकी हार्ड कॉपी को लेखपाल अथवा राजस्व निरीक्षक के पास जमा करना था। उक्त आवेदन पत्रों का सत्यापन रिपोर्ट पुनः तहसील में मंडी समिति के पोर्टल पर लोड किया जाना है। लेकिन बड़ी संख्या में किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदनों की हार्डकॉपी लेखपाल अथवा राजस्व निरीक्षक के पास नहीं जमा किये जाने से प्रभावित किसानों की सत्यापन रिपोर्ट अपलोड कर पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। इससे उन किसानों के भी आवेदन पत्र अधर में लटक गये हैं जिनका सत्यापन तो किया जा चुका है, मगर पोर्टल पर सीरियल के अनुसार अपलोडिंग का सिस्टम होने के चलते वह उन्हे स्वीकार नहीं कर रहा है।
इस समस्या के समाधान के लिए तहसीलदार संजय सिंह ने आज एक आदेश जारी कर प्रभावित किसानों से अपील की है कि वह ऑनलाइन आवेदन पत्रों की हार्डकॉपी हरहाल में 27 अप्रैल तक सम्बंधित लेखपाल, राजस्व निरीक्षक अथवा सहायक रजिस्ट्रार कानूनगो आपदा के कार्यालय में जमा कर दें। अन्यथा न जमा कर पाने की स्थिति में उनके आवेदन पत्र निरस्त कर दिये जायेंगे।
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