कोरोना से जीवन की जंग हार गये विधायक सुरेश श्रीवास्तव, रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री सहित उपमुख्यमंत्री ने व्यक्त किया शोक

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नीरज तिवारी, लखनऊ
समाचार पत्रिका, ब्यूरो
राजधानी में मध्य विधानसभा के चार और पश्चिम विधानसभा के एक के वर्तमान विधायक सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया, 76 वर्षीय श्री श्रीवास्तव के निधन पर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा,मंत्री ब्रजेश पाठक, विधायक नीरज बोरा, मंत्री सुरेश खन्ना सहित तमाम मंत्रियों ने गहरा शोक व्यक्त किया। बताते चलें कि विधायक सुरेश श्रीवास्तव रायबरेली रोड स्थित राजधानी हास्पिटल में आज शांम कोरोना से हार गये। वह अपने पीछे दो पुत्र एक पुत्री भरापूरा परिवार छोड़ गये। श्री श्रीवास्तव की जन्मभूमि बलरामपुर तथा कर्मभूमि लखनऊ है तथा उन्होंने अपना अब तक का राजनीतिक सफ़र लखनऊ में ही तय किया है।उन्होंने वकालत की पढ़ाई के साथ साथ क्रिमिनोलॉजी विषय में पीजी डिप्लोमा भी प्राप्त किया है तथा डिग्री प्राप्त करने के बाद कुछ वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट के वकील के रूप में भी कार्य किया।हालांकि जैसे- जैसे राजनीति में उनके कदम आगे की ओर बढ़ते गये, वैसे-वैसे कचहरी के रास्तों से उनकी दूरियां भी बढ़ती गईं, किन्तु अपने राजनीतिक सफ़र में कदम रखने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और वर्तमान में जनता के नेता के रूप में जाने जाने वाले सुरेश श्रीवास्तव लगातार विधायक के रूप में जनसेवा में लगे रहे हैं। सुरेश श्रीवास्तव ने अपनी सफलता की कहानी बचपन में ही लिखनी प्रारंभ कर दी थी।सुरेश जी बाल्यकाल से ही हिन्दुवादी संगठन ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ से जुड़ गये थे तथा शुरू से ही वह संघ द्वारा आयोजित शैक्षिक तथा सामाजिक कार्यो में सक्रिय भूमिका निभाते थे। जनसंघ से जुड़ने के बाद जब सन् 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ।वह उस वक्त से ही इसमें शामिल हो गये। इसके बाद उन्होंने एक कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य किया और पार्टी के सिद्धांतों को जन जन तक पहुँचाने के क्रम में अहम भूमिका का निर्वहन किया।समर्पित भाव से किये गये सुरेश श्रीवास्तव के कार्यों के परिणाम स्वरूप पार्टी ने सन् 1996 में उन्हें विधायकी का टिकट दिया। जिसके बाद उन्होंने लगातार पांच बार विधायकी का चुनाव लड़ा, जिसमें कि वह चार विजयी हुये। सन् 1996, 2002 व 2007 में सुरेश ने लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा तथा वह इन तीनों ही चुनावों में भारी मतों से जीते। वर्ष 2012 में उनका विधानसभा क्षेत्र बदलकर लखनऊ पश्चिम हो गया तथा वह यह चुनाव करीब 8000 वोटों से हार गये।किन्तु जनता से अपने जुड़ाव, कार्य कुशलता एवं अनुभव के बलबूते सन् 2017 में उन्होंने पुनः इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा तथा विजयी भी रहे।
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