लखनऊ: लॉकडाउन के आदेश की खबर के बाद राजधानी में अफरा-तफरी। शराब की दुकानों पर भारी भीड़, 20 रूपये में बिका एक नींबू। बाजारें बन्द, छोटे व्यापारियों ने की जमकर मनमानी

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नीरज तिवारी, लखनऊ
समाचार पत्रिका, ब्यूरो
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से 26 अप्रैल तक पांच शहरों में लॉकडाउन लगाये जाने की सिफारिश करने के बाद शराब की दुकानों सहित शहर की सभी किराना स्टोर, छोटी दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान मनमाने रेट पर जमकर सामान बेचे गए। यहां तक कि रमजान के रोजों और नवरात्र व्रत के दौरान सबसे ज्यादा उपयोगी नींबू भी शहर के कई हिस्सों में 10 रूपये से लेकर 20 रूपये का एक बिक गया। इसके अलावा शराब की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग शराबों के लिए मारामारी करते दिखे। लोग एक-दो बोतल नहीं पेटी खरीदते दिखे।
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर में बढ़ते कोरोना के बीच लॉकडाउन की सिफारिश की है और सोशल मीडिया पर सिफारिश की जगह पर आदेश चल गया। हाईकोर्ट ने कहा कि चाहे निजी हो या सरकारी सभी प्रतिष्ठानों को 26 अप्रैल तक बंद कर दें। कोर्ट ने कहा कि केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाए। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी की योगी सरकार ने लॉकडाउन से इनकार करते हुए कहा कि लॉकडाउन लगाने से गरीबों पर मार पड़ती है। हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार की सुबह सरकार को यूपी के पांच शहरों लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद यूपी सरकार की तरफ से एसीएस सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि आज उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने अवगत कराया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े है, और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। अतः शहरों मे सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा।
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